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आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) को लेकर कंपनियों में हलचल तेज है. एआई (artificial intelligence) में रिस्क मैनेजमेंट के लिए गार्डरेल्स शुरू करने को ध्यान में रखते हुए दुनिया की 7 दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी ने अमेरिकी सरकार (US govt) के साथ एक समझौते पर पहुंची हैं. बाइडेन प्रशासन के साथ हुए समझौते के बाद रिस्क को खत्म करने के उपायों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की सुरक्षा का टेस्ट करना और उन टेस्ट के परिणामों को सार्वजनिक करना शामिल होगा. टेक कंपनियों में अमेजन, एंथ्रोपिक, मेटा (meta), गूगल (google), इन्फ्लेक्शन और ओपनएआई आदि शामिल हैं.
लोगों के जीवन को बदलने जा रहा है AI
खबर के मुताबिक, व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति बाइडेन ने बीती शुक्रवार रात कहा कि कंपनियों की यह पहल वास्तविक और ठोस है. आईएएनएस की खबर के मुताबिक, बाइडेन ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) दुनिया भर के लोगों के जीवन को बदलने जा रहा है. यहां के लोग जिम्मेदारी और सुरक्षा के साथ उस इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण होंगे.
मेटा की राय
इस डेवलपमेंट पर मेटा के वैश्विक मामलों के अध्यक्ष निक क्लेग ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से पूरे समाज को बेनिफिट होना चाहिए. ऐसा होने के लिए, इन पावरफुल नई टेक्नोलॉजी को जिम्मेदारी से बनाने और तैनात करने की जरूरत है. क्लेग ने कहा कि जैसा कि हम नए एआई मॉडल डेवलपमेंट करते हैं, टेक कंपनियों को इस बारे में पारदर्शी होना चाहिए कि उनके सिस्टम कैसे काम करते हैं और इंडस्ट्री, सरकार, शिक्षा और नागरिक समाज के साथ मिलकर सहयोग करते हैं.
टेक कंपनियों (tech companies) के इस समझौते से यह सुनिश्चित होगा कि लोग वॉटरमार्क लागू करके एआई (artificial intelligence) का पता लगाने में सक्षम होंगे और नियमित आधार पर एआई क्षमताओं और सीमाओं की सार्वजनिक रूप से रिपोर्ट करेंगे. टेक कंपनियां पूर्वाग्रह, भेदभाव और प्राइवेसी के उल्लंघन जैसे जोखिमों पर भी रिसर्च करेंगी.
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