सैमसंग के बाद iPhone यूजर्स के लिए सरकार ने जारी किया अलर्ट, फटाफट निपटाएं ये काम

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इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम यानि CERT-IN ने आईफोन यूजर्स के लिए एक हाई रिस्क वार्निंग जारी की है. यानि हर हाल में आईफोन यूजर्स को इस वार्निंग पर एक्शन लेना है. अगर आप इसे इग्नोर करते हैं तो हैकर्स आपके फोन की सिक्योरिटी को बाय पास कर आपके डेटा तक पहुंच बना सकते हैं. दरअसल, CERT ने एप्पल के आईओएस, एप्पक वॉच ओएस, आईपैड ओएस और एप्पल सफारी सहित ऐसे सभी डिवाइस के लिए चेतावनी जारी की है जो 17.2 से पहले के वर्जन पर चल रहे हैं. पुराने सभी वर्जन में एक कमजोरी पाई गई है जिसका फायदा उठाकर हैकर्स आपके सिस्टम तक पहुंच बना सकते हैं.

सैमसंग यूजर्स को भी सरकार ने दी चेतावनी 

इससे पहले CERT IN ने सैमसंग यूजर्स के लिए एक हाई रिस्क वार्निंग जारी की थी.ये अलर्ट सैमसंग स्मार्टफोन के उन यूजर्स के लिए है जिनका फोन एंड्रॉयड 11, 12, 13 या 14 वर्जन पर चल रहा है. एजेंसी का कहना है कि एंड्रॉयड 11, 12, 13 ,14 पर चल रहे सैमसंग के फोन में कुछ दिक्कतें हैं जिसके चलते हैकर्स आपके फोन में सेंध लगा सकते हैं. अटैक से बचने के लिए सभी को अपने मोबाइल को अपडेट करने की सलाह दी गई थी.

इन 2 ब्राउजर के लिए भी अलर्ट जारी कर चुकी है सरकार 

ERT-In ने गूगल क्रोम और माइक्रोसॉफ्ट एज ब्राउजर में एक बग पाया है जो हैकर्स को आपके कम्प्यूटर का एक्सेस आसानी से दे सकता है. इस बग की कमजोरी को ठीक करने के लिए सिस्टम अपडेट करने की सलाह दी गई है. डेस्कटॉप में Google Chrome के लिए वल्नरेबिलिटी नोट CIVN-2023-0361 और Microsoft Edge ब्राउज़र के लिए वल्नरेबिलिटी नोट CIVN-2023-0362 में चेतावनी का विवरण दिया गया है. इस वार्निंग को हल्के में न लें क्योकि CERT-In ने इस बग को उच्च गंभीरता वाले मुद्दे के रूप में चिह्नित किया है और तत्काल सिस्टम अपडेट करने की सलाह दी है. अलर्ट के अनुसार, लिनक्स और मैक पर v120.0.6099.62 से पहले के Google Chrome वर्जन और विंडोज़ पर 120.0.6099.62/.63 से पहले के Google Chrome वर्जन का उपयोग करने वाला कोई भी व्यक्ति सुरक्षा जोखिम में है. इसी तरह, जो कोई भी 120.0.2210.61 से पुराने माइक्रोसॉफ्ट एज ब्राउज़र वर्जन का उपयोग कर रहा है, वह संभवतः भेद्यता से प्रभावित हो सकता है. 

क्या है बग का कारण?

CERT-In वेबसाइट पर वल्नरेबिलिटी नोट में दिए गए विवरण के अनुसार, ये कमजोरियाँ ऑटोफ़िल और वेब ब्राउज़र यूआई में फ्री मीडिया स्ट्रीम, साइड पैनल सर्च और मीडिया कैप्चर को अनुचित तरीके से इम्प्लीमेंट करने की वजह से हुई है.

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