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<p>आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस या एआई 2023 के सबसे प्रचलित टर्म में एक रहा. चैटजीपीटी से लेकर बार्ड और जेमिनी आई आदि ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को ज्यादा एक्सेसिबल बनाया. अब हर सेक्टर में एआई का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है और रोज ही हमारा पाला किसी न किसी रूप में इससे पड़ने लगा है. एक तरफ एआई से कई चीजें आसान हो रही हैं, काम करने की स्पीड बढ़ गई है, दूसरी ओर उसी अनुपात में जोखिम भी बढ़े हैं.</p>
<h3>लगातार सामने आ रहे मामले</h3>
<p>पिछले कुछ समय से एक ऐसे ही जोखिम को लेकर बार-बार चर्चा हो रही है, जो है एआई वॉयस स्कैम या एआई वॉयस फ्रॉड. बीते दिनों में एआई वॉयस स्कैम के कई मामले सामने आए हैं. तीन-चार दिन पहले ही लखनऊ में भी एक ऐसा मामला सामने आया. एआई वॉयस स्कैम के ताजा मामले में लखनऊ के एक व्यक्ति से 45 हजार रुपये ठग लिए गए. उससे पहले एक महिला के साथ इसी तरह की ठगी का मामला सामने आया था.</p>
<h3>इस तरह से लगाया चूना</h3>
<p>एआई वॉयस स्कैम क्या है, इसे जान लेना जरूरी है. जैसे लखनऊ वाले केस को देखें तो उसमें पीड़ित व्यक्ति को किसी साइबर अपराधी ने उसका रिश्तेदार बनकर फोन किया. अपराधी ने एआई की मदद से व्यक्ति को उसके रिश्तेदार की आवाज में फोन किया. उसने पीड़ित को कहा कि उसे किसी को 90 हजार रुपये भेजने हैं, लेकिन पेमेंट फेल हो जा रहा है. पीड़ित ने बताए गए नंबर पर पैसे भेज दिए. वो तो शुक्र है कि कुछ पेमेंट फेल हो गए तो उसे 90 हजार की जगह 44,500 रुपये का ही चूना लगा.</p>
<h3>खूब हो रहे वीडियो कॉल स्कैम</h3>
<p>एआई वॉयस स्कैम की तरह ही वीडियो कॉल स्कैम भी खूब हो रहे हैं. इसमें अपराधी डीपफेक और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल कर लोगों को उनका परिचित बनकर वीडियो कॉल करते हैं और किसी न किसी बहाने पेमेंट करा लेते हैं. कई बार डीपफेक से अश्लील तस्वीरें या वीडियो बनाकर लोगों को ब्लैकमेल किया जाता है.</p>
<h3>तकनीक ने मिटा दी लकीर</h3>
<p>अब सबसे जरूरी बात ये आती है कि खुद को एआई वॉयस स्कैम, डीपफेक वीडियो स्कैम आदि से कैचे बचाएं? इसके लिए आपको बेहद सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि एआई और डीपफेक जैसी तकनीक ने असली और फर्जी के बीच की लकीर मिटा दी है. अच्छे-खासे समझदार लोग भी इन्हें नहीं पकड़ पाते हैं और ठगी के शिकार हो जाते हैं.</p>
<h3>इन उपायों से मिलेगी मदद</h3>
<ul>
<li><strong>अननोन नंबर से आ रहे फोन कॉल का जवाब देने में सतर्कता बरतें.</strong></li>
<li><strong>अगर कोई आपका परिचित बनकर अननोन नंबर से फोन करे, तो पहले उसे वेरिफाई करें.</strong></li>
<li><strong>फ्रॉड करने वाले अक्सर अर्जेंट, तुरंत, अभी जैसी जरूरतों का बहाना देते हैं, तो इनसे अलर्ट रहें.</strong></li>
<li><strong>संदिग्ध मैसेज या ईमेल में भेजे गए लिंक पर कभी क्लिक न करें.</strong></li>
<li><strong>अज्ञात स्रोतों से मिले क्यूआर कोड को स्कैन करने से बचें.</strong></li>
<li><strong>अपने बैंक या कार्ड से जुड़ी जानकारियां किसी को न दें.</strong></li>
<li><strong>कुछ भी संदिग्ध लगे तो तुरंत बैंक/पुलिस में शिकायत करें.</strong></li>
<li><strong>डर/घबराहट से बचें. आपका डर अपराधियों का हथियार बन जाता है.</strong></li>
</ul>
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