AI से मिलेंगे शानदार मौके, लेकिन प्राइवेसी के लिए है रिस्क भी: अमिताभ कांत

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आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) रोमांचक नए अवसर मुहैया कराती है, लेकिन साथ ही यह निजता और ‘फेक न्यूज’ के संबंध में नए जोखिम भी पैदा करती है. जी20 में भारत के शेरपा अमिताभ कांत (Amitabh Kant) ने सोमवार को यह बात कही. वह यहां जी20 देशों के प्रधान लेखापरीक्षा संस्थानों (साई20) के दूसरे शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. कांत ने कहा कि दुनिया आज टेक्नोलॉजी के जरिये आपस में जुड़ी हुई है. इससे कामकाज बेहतर हुआ है और सूचना को ज्यादा तेजी और कुशलता के साथ प्रसारित किया जा सकता है.

प्राइवेसी और डेटा सुरक्षा के लिए खतरा

खबर के मुताबिक, अमिताभ कांत ने साथ ही जोड़ा कि ये नई टेक्नोलॉजी अपने साथ नए जोखिम भी लाती हैं. प्राइवेसी और डेटा सुरक्षा के लिए खतरा इनमें प्रमुख चिंताएं हैं. उन्होंने कहा कि देशों को नई टेक्नोलॉजी को लेकर संतुलित नजरिया अपनाना होगा. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस कंपनी ओपनएआई (OpenAI) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सैम ऑल्टमैन (OpenAI CEO Sam Altman) हाल ही में भारत के दौर पर थे. ऑल्टमैन जी20 में भारत के शेरपा अमिताभ कांत से भी मिले थे. 

जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की क्षमता पर चर्चा

अमिताभ कांत (Amitabh Kant) के साथ मुलाकात में ऑल्टमैन ने जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) की क्षमता पर भी विचार-विमर्श किया था. इस मीटिंग में इस बात पर बात हुई थी कि कैसे उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं अपने लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए जेनेरेटिवएआई का फायदा ले सकती हैं. पीएम मोदी ने हाल में कहा था कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) तकनीक देश के टेक इकोसिस्टम को और भी व्यापक बना सकता है. 

AI का इस्तेमाल

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल प्रोडक्शन, फाइनेंशियल सर्विसेस, हेल्थ केयर, कम्यूनिकेशन, ऑर्गनाइजेशन, कंप्यूटर साइंस, मैनुफैक्चरिंग, गेम डिजाइन, रोबोटिक्स, सुरक्षा, विमानन, रिसर्च आदि. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की विभिन्न उप-शाखाओं में शामिल हो सकते हैं, जैसे कि मशीन लर्निंग, न्यूरल नेटवर्क, बिजनेस इंटेलीजेंस, सेल्फिश इंटेलीजेंट, ऑटोनोमस इंटेलीजेंस आदि. यह तकनीक काम को बेहद आसान बना देता है. समय बचाता है.

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