BharatGPT लॉन्च करेगा ‘Hanooman’ नाम का इंडियन एआई मॉडल, जानें खासियत

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Indian AI Model: एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एक ऐसी टेक्नोलॉजी का नाम है, जो दुनियाभर में काफी तेजी से अपने पैर पसार रहा है. इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अमेरिका से लेकर इंडिया तक में होने लगा है. इसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके दुनियाभर की दिग्गज टेक कंपनियां इंसानों जैसा दिखने और काम करने वाला एआई मॉडल भी बना रही है. इस काम में भारत भी पीछे नहीं है और भारत में भी एक एआई मॉडल तैयार किया गया है, जिसका नाम Hanooman यानी हनुमान है. आइए हम आपको इस मेड इन इंडिया एआई मॉडल की विस्तृत जानकारी बताते हैं.

बीते मंगलवार को आईआईटी बॉम्बे और भारत के सात अन्य इंजीनियरिंग संस्थानों के नेतृत्व वाले समूह  BharatGPT ने ऐलान किया कि वो अगले महीने यानी मार्च में भारत की पहली चैटजीपीटी जैसी सर्विस लॉन्च करेगी. मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा समर्थित, इस समूह ने सीता महालक्ष्मी हेल्थकेयर (SML) के सहयोग से इंडिक भाषा मॉडल की ‘हनुमान’ सीरीज का निर्माण किया है.

हनुमान क्या है?

हनुमान लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLMs) की एक सीरीज है, जो हिंदी, तमिल और मराठी जैसी 11 भारतीय भाषाओं में प्रतिक्रिया दे सकती है, और इसे 20 से अधिक भाषाओं में विस्तार करने की योजना बनाई गई है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतजीपीटी ग्रुप ने बीते मंगलवार को एक वीडियो में अलग-अलग लोगों को अलग-अलग भाषाओं में एआई टूल के साथ बातचीत करते दिखाया. इस एआई मॉडल हनुमान से एक बैंकर ने हिंदी भाषा और एक बाइक मैकेनिक ने तमिल भाषा में बात की. भारत में बने इस एआई मॉडल हनुमान को स्वास्थ्य देखभाल, शासन, वित्तीय सेवाओं और शिक्षा सहित चार क्षेत्रों में काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

ध्यान देने वाली बात है कि यह सीरीज सिर्फ चैटबॉट जैसे काम नहीं करती है. भारतजीपीटी के अनुसार, यह एक मल्टीमॉडल एआई टूल है, जो कई भारतीय भाषाओं में टेक्स्ट, भाषण, वीडियो समेत बहुत कुछ जेनरेट कर सकता है. पहले कस्टमाइज़्ड वर्ज़न में से एक VizzhyGPT है, जो एक एआई मॉडल है. इसे मेडिकल डेटा के दायरे का उपयोग करके स्वास्थ्य देखभाल के लिए तैयार किया गया है. इन AI मॉडल का आकार 1.5 बिलियन से लेकर 40 बिलियन पैरामीटर तक है.

LLM क्या है?

लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स यानी एलएलएम बड़ी लंबे-लंबे टेक्स्ट कंटेंट के लिए डीप लर्निंग टेक्निक्स का उपयोग करते हैं. ये ज्यादा अमाउंट वाले टेक्स्ट को प्रोसेस करके उसका स्ट्रक्चर और अर्थ को समझते और सीखते हैं और फिर उसके अनुसार काम करते हैं. एलएलएम (LLMs) को शब्दों के बीच अर्थ और संबंधों की पहचान करने के लिए ‘प्रशिक्षित’ किया जाता है. किसी मॉडल को जितनी अधिक मात्रा में प्रशिक्षण डेटा दिया जाता है, वह टेक्सट को समझने और तैयार करने में उतना ही अधिक कुशल हो जाता है.

प्रशिक्षण डेटा आमतौर पर विकिपीडिया, ओपनवेबटेक्स्ट (OpenWebText) और कॉमन क्रॉल कॉर्पस जैसे बड़े डेटासेट होते हैं. इनमें बड़ी मात्रा में टेक्स्ट डेटा पाया जाता है, जिसका उपयोग मॉडल प्राकृतिक भाषा को समझने और जेनरेट करने के लिए करते हैं.

क्या कोई अन्य LLM है?

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक भारतजीपीटी के अलावा, लाइटस्पीड वेंचर पार्टनर्स और अरबपति विनोद खोसला जैसे प्रमुख वीसी निवेशकों द्वारा समर्थित सर्वम (Sarvam) और क्रुट्रिम (Kritrim) जैसे अलग-अलग स्टार्टअप्स भी भारत के लिए कस्टमाइज़्ड एआई मॉडल का निर्माण कर रहे हैं.

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